sidh kunjika Fundamentals Explained
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नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि ।
मां भगवती के इस पाठ को करने की विधि है उसका पालन जरूर करें. आइए जानते हैं सिद्ध कुंजिका पाठ की विधि और लाभ.
क्लीङ्कारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते ॥ ८ ॥
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
इदं तु कुञ्जिकास्तोत्रं मन्त्रजागर्तिहेतवे ।
Salutations on the Goddess who may have the form of root chants Who via the chant “Goal” has the shape from the creator Who because of the chant “Hreem” has the form of one who normally takes treatment of sidh kunjika every thing And who via the chant “Kleem” has the shape of passion
श्री वासवी कन्यका परमेश्वरी अष्टोत्तर शत नामावलि
अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति ॥ १४ ॥
यस्तु कुंजिकया देवि हीनां सप्तशतीं पठेत् ।
श्री वासवी कन्यका परमेश्वरी अष्टोत्तर शत नामावलि
नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि।
Swamiji suggests, “A persuasive motivation is something which would make us stand up also to the fullest capacity assert ourselves towards the furtherance on the target. The key is always to target the mantras.”
देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्
नमस्ते शुम्भहन्त्र्यै च निशुम्भासुरघातिनि ।